अधिगम अंतरण /स्थानान्तरण – परिभाषा, प्रकार Transfer Of Learning In Hindi

आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अधिगम अंतरण क्या है?इसे अधिगम स्थानांतरण भी कहा जाता है। (Transfer Of Learning In Hindi) तो जानते हैं अधिगम अंतरण क्या होता है?अधिगम अंतरण के प्रकार कितने है?

अधिगम अंतरण /अधिगम स्थानांतरण / Transfer Of Learning In Hindi

अधिगम अंतरण - परिभाषा, प्रकार Transfer Of Learning In Hindi
Transfer Of Learning In Hindi

अधिगम अंतरण को सर्वप्रथम प्रयोग करने का श्रेय E. L. थोर्नडाईक को दिया जाता है।

जब पूर्व में सीखे गए ज्ञान अथवा कौशल का नवीन ज्ञान अथवा कौशल के अर्जन पर प्रभाव पड़े तो उसे अधिगम अंतरण कहते हैं।

अधिगम अंतरण के प्रकार (Types Of Transfer Of Learning In Hindi)

अधिगम अंतरण के मुख्यत: तीन प्रकार होते हैं।

सकारात्मक अंतरण (Positive Transfer Of Learning)

जब पूर्व अनुभव व कौशल वर्तमान में सीखे जाने वाले कार्य में सहयोग प्रदान करें तो उसे सकारात्मक अंतरण कहते हैं।

थोर्नडाइक इसके लिए समान तत्वों (Identical Components) को महत्वपूर्ण मानते हैं।

जैसे- साइकिल सीखने के बाद स्कूटी सीखना अथवा हिंदी भाषा का ज्ञान संस्कृत सीखने में सहायक होना।

नकारात्मक अंतरण (Negative Transfer Of Learning)

जब पूर्व में अर्जित ज्ञान /कौशल  वर्तमान ज्ञान या कौशल को सीखने में बाधा पहुंचाए तो उसे नकारात्मक अंतरण कहते है।

जैसे- हिंदी सीखने के बाद उर्दू सीखना, टेनिस सीखने के बाद क्रिकेट सीखना, बोलीबोल सीखने के बाद फुटबॉल सीखना, लेफ्ट हैंड ड्राइविंग सीखने के बाद राइट हैंड ड्राइविंग सीखना, हिंदी टाइपिंग के बाद अंग्रेजी टाइपिंग सीखना आदि।

शून्य अंतरण (Zero Transfer)

जब पूर्व में सीखे गए ज्ञान का अथवा कौशल का नवीन ज्ञान अथवा कौशल के अर्जन पर कोई प्रभाव नहीं पड़े तो उसे शून्य अंतरण कहते हैं।

जैसे- गणित सीखने के बाद खाना बनाना सीखना, राजनीति किताब पढ़ने के बाद क्रिकेट सीखना आदि।

अधिगम अंतरण के अन्य प्रकार

द्वि-पार्श्विक अंतरण (Bilateral Transfer Of Learning)

जब शरीर के दाहिने अंग द्वारा सीखे गए कौशल का उपयोग बाएं अंग द्वारा उसी कौशल का उपयोग करने में किया जाए तो उसे द्वि पार्श्विक अंतरण कहते हैं।

जैसे – दाएं हाथ में चोट लगने पर बाएं हाथ से लिखना।

पार्श्विक / श्रेतीजीय अंतरण (Lateral /Horizontal Transfer Of Learning)

सीखे गए ज्ञान अथवा कौशल का समान स्तर के ज्ञान अथवा कौशल में उपयोग श्रेतीजीय अंतरण कहलाता है।

जैसे – गणित के जोड़ को सीखकर घर में इसका प्रयोग करना।

लंबवत / ऊध्र्वाधर अंतरण (vertical Transfer)

जब पूर्व में सीखे गए ज्ञान अथवा कौशल  उच्चस्तरीय ज्ञान/ कौशल सीखने में उपयोगी हो तो इसे लंबवत अंतरण कहते हैं।

जैसे :- गुणा व घटाव सीखने के बाद भाग सीखना, साइकिल के बाद स्कूटर सीखना, गणित के बाद भौतिकी सीखना।

अधिगम की अक्षमता Types Of Learning Disabilities In Hindi

Note :- यह सभी सकारात्मक अंतरण के उदाहरण है।

आशा करते है आपको अधिगम अंतरण (Transfer Of Learning In Hindi) की पूरी जानकारी मिल गयी होगी।अगर आपका कोई सवाल है तो commnet में ज़रूर पूछे।

About Kavish Jain

में अपने शौक व लोगो की हेल्प करने के लिए Part Time ब्लॉग लिखने का काम करता हूँ और साथ मे अपनी पढ़ाई में Bed Student हूँ।मेरा नाम कविश जैन है और में सवाई माधोपुर (राजस्थान) के छोटे से कस्बे CKB में रहता हूँ।

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